Show featured post

Indore Landmark Ready Possession Super Corridor Indore

www.idasupercorridor.com


  • कांग्रेस सरकार आने के बाद किसानों को प्राधिकरण की अटकी योजनाओं को लेकर उम्मीद बंधी थी कि वे खत्म हो जाएंगी पर सरकार का रुख भी स्पष्ट है कि बाहर रहकर इन्होंने चाहे जितने प्रदर्शन किए हों, लेकिन जमीनें छोडऩे को ये भी तैयार नहीं हैं। पिछले महीने भोपाल की बैठक में मंत्री जयवर्धनसिंह यह साफ कर ही चुके थे कि योजनाएं फिलहाल तो खत्म नहीं हो रहीं हैं और अब आईडीए बजट में उनकी इस बात पर मुहर लग गई।


आईडीए का बजट कल पेश हुआ। सवा चार सौ करोड़ के बजट में मास्टर प्लान सड़कों, रिंगरोड, बस स्टैंड और सुपर कॉरिडोर के विकास के साथ एक और अहम मुद्दा है योजनाओं को लेकर शामिल किया गया है। बजट देखने से यह तो साफ हो जाता कि कांग्रेस सरकार भी किसी भी योजना को यूं ही नहीं छोड़ देगी। जैसे भाजपा सरकार में योजनाएं लटकाए रखी गईं, वैसे ही ये भी इन्हें लटकाए रखेंगे। बस फर्क इतना है कि जमीनें लेने के लिए उन्होंने घुमाकर कान पकडऩे की कोशिश की।


किस्सा वही है, तरीका वही है, बस कहने में थोड़ा फर्क कर दिया। इसके बाद कहा जा रहा है कि किसानों के हित में काम कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि सरकार आने के बाद से ही योजनाओं से जमीनें छूटने को लेकर आस लगाए बैठे किसानों के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है कि जमीनें फिलहाल तो मुक्त हो नहीं रहीं और भविष्य की भी कोई उम्मीद नहीं है।
यह कहा है बजट में


  • भू-अर्जन नियम 2013 से योजनाओं के लिए जमीनें हासिल करने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। किसान बदले में विकसित भूखंड के स्थान पर नगद मुआवजा मांग रहे हैं।
  • प्राधिकरण की 11 ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें क्रियान्वयन नहीं हो सका है। इन योजनाओं में प्रमुख हैं, 165, 169-ए, 172, 174, 175, 176 और 177। इनके क्रियान्वयन के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जमीनें आपसी सहमति से ली जाएंगी।
  • योजना 172, 174 और 176 को विभिन्न सेक्टर में बांटा गया है। इन योजनाओं में सेक्टरवार विकास कार्य करवाए जाएंगे ताकि तय समयसीमा में सेक्टर्स का विकास हो सके। यानी जैसे-जैसे जमीन मिलती जाएगी योजना में काम करवाया जाएगा।
  • योजना 172 को टाउन प्लानिंग स्कीम के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। टीपीएस तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की सेवाएं ली जाएंगी, जिसके लिए एक करोड़ रुपए केंद्र से अनुदान के रूप में मिलेंगे।



  • एक महीने पहले यह कहा था मंत्री ने
    प्रदेश के आवास एवं विकास विभाग के मंत्री जयवर्धन सिंह ने पिछले महीने भोपाल में आठ प्राधिकरणों के सीईओ के साथ हुई बैठक में भू-अर्जन नियमों में संशोधन करने को कहा और इसके लिए चार सदस्यीय समिति बना दी, जिसमें इंदौर सीईओ भी हैं। उन्होंने भू-अर्जन नियम की विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए। निर्देशों से साफ हो गया था कि सरकार योजनाएं नहीं छोडऩा चाहती, बल्कि भू-अर्जन नियमों में संशोधन के जरिए ऐसा रास्ता निकालना चाहती है, जिससे जमीनें मिलने में ज्यादा दिक्कतें नहीं आएं।
    तब आईडीए ने यह दिया था स्पष्टीकरण
    मंत्री के बयान का काफी हल्ला मचा। किसानों में आक्रोश की लहर भी फैली। 

    Comments

    Popular posts

    Tcs Campus Super Corridor indore

    Ida Scheme no, 166, 169/b Super Corridor indore

    Property Seller Super Corridor indore