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IDA, 151 Super Corridor Indore

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बांगड़दा में इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की स्कीम नंबर 151 के लिए जिस शख्स ने सबसे पहले अपनी जमीन दी थी, इसके एवज में उसे अब तक प्लॉट नहीं दिया गया। सात साल से वह अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। शुक्रवार को भी उसे सुबह से बुलाकर शाम को आश्वासन देकर रवाना कर दिया गया। दरअसल, आईडीए ने 2012 में बड़ा बांगड़दा में स्कीम 151 और 169 पेश की। उस दौरान 20 जून 2012 को आरटीओ रोड निवासी गोविंदराम बागजाई की लगभग अाठ बीघा जमीन ली गई थी। इसके एवज में आईडीए ने 18 सितंबर 2013 को आरक्षण पत्र जारी किया, जिसमें भूखंड 2ए और 3ए के लिए गोविंदराम का नाम था। गोविंद ने जब इसकी रजिस्ट्री कराने के लिए प्रयास किए तो 26 फरवरी 2018 को पता चला कि जिन प्लॉट का आरक्षण पत्र दिया गया था, वे आईडीए ने किसी और को अलॉट कर दिए हैं। आपत्ति लेने पर प्राधिकरण ने उनसे 51 नंबर प्लॉट लेने को कहा। गोविंदराम ने मौका मुआयना के बाद हां की तो अधिकारी टालमटोल करने लगे। इस पर गोविंदराम ने 2 जुलाई 2018 को वकील एनके पटेल के जरिये प्राधिकरण को नोटिस भेजा। 19 जुलाई 2018 को प्राधिकरण ने गोविंदराम को एक रजिस्ट्री पत्र भेज दिया, जिसमें बताया गया कि उन्हें 10 ए प्लॉट अलॉट कर दिया है। 


अधिकारी बोले- नियम विपरीत मांग रहा प्लॉट 

आईडीए के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजकुमार हलदार ने बताया कि नियम मुताबिक प्लॉट मालिक को उसके द्वारा दी गई जमीन पर ही 10 ए प्लॉट दिए जाने की तैयारी हुई, लेकिन वह प्लॉट लेने को तैयार नहीं है। वह जहां प्लॉट मांग रहा है, वहां उसे प्लॉट देना नियम के विरुद्ध होगा। उसे 51 नंबर प्लॉट दिए जाने पर विचार हो रहा है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा अधिगृहीत किया जाना है। पूरी जमीन आईडीए को नहीं मिलती तब तक प्लाॅट नहीं दे पाएंगे। 


आईडीए में शिकायत के लिए पहुंचे। 

भास्कर संवाददाता| इंदौर 

बड़ा बांगड़दा में इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की स्कीम नंबर 151 के लिए जिस शख्स ने सबसे पहले अपनी जमीन दी थी, इसके एवज में उसे अब तक प्लॉट नहीं दिया गया। सात साल से वह अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। शुक्रवार को भी उसे सुबह से बुलाकर शाम को आश्वासन देकर रवाना कर दिया गया। दरअसल, आईडीए ने 2012 में बड़ा बांगड़दा में स्कीम 151 और 169 पेश की। उस दौरान 20 जून 2012 को आरटीओ रोड निवासी गोविंदराम बागजाई की लगभग अाठ बीघा जमीन ली गई थी। इसके एवज में आईडीए ने 18 सितंबर 2013 को आरक्षण पत्र जारी किया, जिसमें भूखंड 2ए और 3ए के लिए गोविंदराम का नाम था। गोविंद ने जब इसकी रजिस्ट्री कराने के लिए प्रयास किए तो 26 फरवरी 2018 को पता चला कि जिन प्लॉट का आरक्षण पत्र दिया गया था, वे आईडीए ने किसी और को अलॉट कर दिए हैं। आपत्ति लेने पर प्राधिकरण ने उनसे 51 नंबर प्लॉट लेने को कहा। गोविंदराम ने मौका मुआयना के बाद हां की तो अधिकारी टालमटोल करने लगे। इस पर गोविंदराम ने 2 जुलाई 2018 को वकील एनके पटेल के जरिये प्राधिकरण को नोटिस भेजा। 19 जुलाई 2018 को प्राधिकरण ने गोविंदराम को एक रजिस्ट्री पत्र भेज दिया, जिसमें बताया गया कि उन्हें 10 ए प्लॉट अलॉट कर दिया है। 

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